बॉलीवुड एक्ट्रेस बिपाशा बसु लंबे समय से फिल्म इंडस्ट्री में काम कर रही हैं। उन्होंने महज 17 साल की उम्र से ही अपना मॉडलिंग करियर शुरू कर दिया था। बिपाशा का जन्म नई दिल्ली में हुआ था और वो बंगाली मूल की हैं। बाद में बिपाशा और उनका परिवार कोलकाता शिफ्ट हो गया था।स्कूली दिनों में बिपाशा काफी अच्छी स्टूडेंट रही थीं, लेकिन मॉडलिंग की दुनिया में आने की वजह से वो अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाई थीं। इसका उन्हें मलाल भी है। सिर्फ 16 साल की उम्र में ही बिपाशा ने गोदरेज सिंथॉल सुपरमॉडल कॉन्टेस्ट जीता था और फिर फिल्मों में आईं और कामयाबी हासिल करती गईं।
बिपाशा ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल कुछ समय पहले लिखा था, ‘जब मैं बड़ी हो रही थी तो मैंने अक्सर सुना कि बोनी, सोनी से ज्यादा काली है। वो थोड़ी सांवली है ना। जबकि मेरी मां भी डस्की ब्यूटी थीं और मैं काफी हद तक उनकी तरह ही लगती थी। मुझे कभी पता नहीं चला कि मेरे रिश्तेदार इस बारे में चर्चा क्यों करते थे’।
जब में 15,16 साल की थी तब मॉडलिंग शुरू की। मैंने सुपरमॉडल कॉन्टेस्ट जीता था। हर न्यूजपेपर में खबर थी कि कोलकाता की सांवली लड़की विनर बनी। मैंने फिर सोचा कि मेरे नाम का पहला विश्लेषण सांवली क्यों है। फिर मैं न्यूयॉर्क और पेरिस गई मॉडलिंग करने के लिए और मुझे एहसास हुआ कि मेरे स्किन कलर के लिए मुझे यहां ज्यादा काम और ध्यान मिलता है। ये मेरी अलग खोज थी।जब मैं वापस आई तो मुझे फिल्म के ऑफर मिलना शुरू हुए। आखिरकार मैंने अपनी पहली फिल्म की, मैं इंडस्ट्री से पूरी तरह अजनबी थी। अचानक ही मुझे अपना लिया गया और पसंद किया गया। मगर विश्लेषण जुड़ा रहा। सांवली लड़की ने अपनी डेब्यू फिल्म से ऑडियंस को इंप्रेस किया। मेरे ज्यादातर आर्टिकल में मैंने जितना काम किया उससे ज्यादा चर्चा मेरे रंग की थी। मैं इसे नहीं समझ पाई। मेरे ख्याल से सेक्सी एक पर्सनालिटी है ना कि रंग। क्यों मेरे सांवलेपन के चलते मुझे बाकी एक्ट्रेस से अलग समझा गया। मुझे ज्यादा फर्क नहीं समझ आता मगर लोग बनाते हैं।यहां एक मानसिकता है खूबसूरती की और कैसे एक एक्ट्रेस को दिखना और बिहेव करना चाहिए। मगर मैं अलग थी। इसने मुझे कभी वो करने से नहीं रोका जो मुझे पसंद है। मैं कॉन्फिडेंट थी जो मैं बचपन से हूं। मेरा स्किन कलर मुझे डिफाइन नहीं करता। मुझे ये पसंद है और मैं इसे नहीं बदलना चाहती।
पिछले 18 सालों में कई बड़े बजट के सारे स्किन केयर एंडोर्समेंट मुझे ऑफर हुए थे, मगर मैं अपने सिद्धांत पर अड़ी रही। इसे रोकने की जरुरत है। ये एक झूठा सपना है जिसे हम बेच रहे हैं। कि सिर्फ फेयर ही लवली है और खूबसूरत। जबकि देश की ज्यादातर जनसंख्या सांवली है। ये ब्रांड का बड़ा फैसला है और बाकियों को भी इसे अपनाना चाहिए।