अमेरिका ने पाकिस्तान को F-16 फाइटर जेट के रखरखाव के लिए 45 करोड़ डॉलर यानी 3,581 करोड़ देने की मंजूरी दी है। एक अमेरिकी राजनयिक ने इंटरव्यू में बताया कि यह पाकिस्तान के साथ मौजूदा F-16 बेड़े के लिए स्पेयर पार्ट्स की बिक्री है, ना कि अमेरिकी सरकार ने उनकी सहायता की है।
दक्षिण एशिया और मध्य एशियाई मामलों के अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने बताया कि यह अमेरिका की वर्ल्डवाइड पॉलिसी है कि जब वह किसी देश को डिफेंस इक्विपमेंट्स देता है तो अंत तक उसके रखरखाव के लिए बाकी सहयोग भी मुहैया करवाता है। हम फाइटर जेट के विंग्स और इक्विपमेंट्स की सर्विसिंग की बात कर रहे हैं। ऐसे में यह बिक्री है, मदद नहीं।
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के पास मौजूद F-16 लड़ाकू विमानों के बेड़े में काफी पुराने विमान हैं। इनमें से कुछ विमान 40 साल से अधिक पुराने हैं, जो बिना मेंटेनेंस के खराब हो जाएंगे। इससे वे पायलटों और अन्य लोगों के लिए खतरा हो सकते हैं।
डोनाल्ड लू ने कहा कि इस दौरान पाकिस्तान को कोई नए वेपन सिस्टम नहीं दिए जाएंगे। उन्होंने कहा- हमने भारत सरकार कई चिंताओं सुना है। मैं साफ कहता हूं, यह एक सुरक्षा और रखरखाव कार्यक्रम है। कोई नए विमान और वेपन सिस्टम पर विचार नहीं किया जा रहा है।