छत्तीसगढ़ में अब सभी राजस्व कोर्ट को सुरक्षा दी जाएगी। इसके लिए शासन की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है। सभी जिलों के कलेक्टर को कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था करने को कहा गया है। वहीं मुंगेली में अधिवक्ता भी अब तहसील कार्यालय खोले जाने के पक्ष में आ गए हैं। उनका कहना है कि इससे वकील और पक्षकार दोनों परेशान हैं। दूसरी ओर रायगढ़ में तहसीलदारों की हड़ताल को अधिवक्ताओं ने असंवैधानिक बताते हुए FIR दर्ज करने की मांग की है।
तहसीलदारों और वकीलों के बीच चल रहा टकराव थमता नहीं दिखाई दे रहा है। लगातार बढ़ रहे विवाद को देखते हुए शासन ने भी कदम उठाया है। अवर सचिव शासन विजय कुमार चौधरी की ओर से इस संबंध में गुरुवार को सभी जिलों के कलेक्टर को एक आदेश जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने 15 फरवरी को एक ज्ञापन सौंप सुरक्षा व्यवस्था की मांग की थी। इसे सुनिश्चित कर अवगत कराएं।रायगढ़ जिला अधिवक्ता संघ ने कहा है कि कि बिना किसी शासकीय आदेश और अनुमति के सभी तहसीलदार अपने कार्यों से अलग हो गए हैं। राजनीतिक दल की तरह विधि विरुद्ध चक्रधर थाने के पीछे टेंट लगाकर आंदोलन कर रहे हैं। शासकीय कार्यों को पूरी तरह त्यागने के कारण तहसील कार्यालयों में लंबित प्रकरण की कार्यवाही बाधित हो गई है। नियमानुसार, सरकारी अधिकारी शासकीय कार्य बाधित कर आंदोलन नहीं कर सकते हैं।
अधिवक्ताओं ने इस संबंध में जिला कलेक्टर, SP और चक्रधर नगर थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपा है। इसमें कहा है कि रायगढ़ जिले में पदस्थ तहसीलदारों ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन शासकीय कार्यों को बाधित करने के उद्देश्य से 11 फरवरी से बंद कर दिया है। उनका लगातार धरना-प्रदर्शन जारी है। ऐसे में अपने पदीय कर्तव्य से अलग होकर शासकीय कार्य से विरत होने का अपराध दर्ज कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।वहीं मुंगेली के लोरमी में अधिवक्ता संघ की ओर से SDM को ज्ञापन सौंप कर जल्द से जल्द तहसील कार्यालय को खोलने की मांग की गई है। संघ ने कहा कि जिस तरह से सार्वजनिक उपक्रम को बगैर सूचना के बंद कर दिया गया है, उससे राजस्व प्रकरणों का निराकरण नहीं हो पा रहा है। इसके चलते अधिवक्ता और पक्षकार दोनों को ही परेशान होना पड़ रहा है। संघ के पूर्व सचिव रवि शर्मा ने कहा कि अधिकारियों का इस तरह से हड़ताल करना असंवैधानिक है। सरकार को कार्रवाई करना चाहिए।